मुख्यमंत्री की बात भी नहीं मानी भाजपा के नेता ने, आज है अंतिम मौका

मुख्यमंत्री की बात भी नहीं मानी भाजपा के नेता ने, आज है अंतिम मौका

-19 अभ्यर्थियों में आज तय होगा चुनाव मैदान में कितने उम्मीदवार

सतना। रैगांव विधानसभा उपचुनाव 30 अक्टूबर को हैं। जिसके लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आज है। यहां सबकी नजर भाजपा से पूर्व विधायक स्व. जुगुल किशोर बागरी के पुत्र पुष्पराज बागरी और उनके छोटे बेटे देवराज बागरी की पत्नी वंदना बागरी पर टिकी है। क्योंकि भाजपा में टिकट की दौड़ में सबसे आगे रहे पुष्पराज बागरी उनके परिवार से किसी को टिकट नहीं मिलने पुष्पराज और उनके छोटे भाई की पत्नी वंदना ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल किया है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व विधायक जुगल किशोर बागरी के पुत्र पुष्पराज बागरी को मनाने की नाकाम कोशिश तो की है लेकिन अभी तक पुष्पराज बागरी और उनके छोटे भाई की पत्नी वंदना बागरी ने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है। रैगांव विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें अभी कम नहीं हुई हैं। पिछले दिनों सतना पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व विधायक जुगल किशोर बागरी के पुत्र पुष्पराज बागरी को मनाने की नाकाम कोशिश तो की है लेकिन अभी तक पुष्पराज बागरी और उनके छोटे भाई की पत्नी वंदना बागरी ने अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है।नामांकन पत्र वापस लेने का आज अंतिम दिन है और अगर भाजपा के दोनों बागी उम्मीदवार नामांकन पत्र वापस नहीं लेते हैं तो भाजपा की मुश्किल बढ़ सकती है। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने अपनी चुनावी सभाओं में भाषण देकर सनसनी फैला दी कि अगर पुष्प राज बागरी को अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि देनी है तो वह कांग्रेस की कल्पना वर्मा को चुनाव जिताएं।

यह कहना है वंदना बागरी का-
जुगल किशोर बागरी की पुत्र वधू वंदना बागरी ने कहा कि उनके ससुर ने 40 साल तक पार्टी और जनता की सेवा की। मैं भी ससुर के साथ क्षेत्र की जनता से मिलती रही, हम लोगों ने पूरी निष्ठा के साथ काम किया है। हमने टिकट की मांग की थी लेकिन पार्टी ने नया कैंडिडेट खड़ा कर दिया जिसे क्षेत्र की जनता जानती तक नहीं है।हालांकि भाजपा का दावा है कि वह पार्टी के बागी उम्मीदवारों को मनाने में कामयाब हो जाएंगी, लेकिन जिस तरीके से स्व. जुगल किशोर बागरी की पुत्र वधू ने बागी तेवर अपना रखा है उससे ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।क्योंकि स्व. बागरी के बड़े पुत्र पुष्पराज बागरी ने भी अभी तक अपना नामांकन पत्र वापस नहीं लिया है।

कांग्रेस को बैठे बिठाए मिला मुद्दा-

भाजपा के बागी उम्मीदवारों की वजह से कांग्रेस को बैठे बैठाए एक मुद्दा मिल गया है जिसे कांग्रेस से भुनाने में लगी हुई है। हालांकि कांग्रेस के लिए भी रैगांव का रण आसान नहीं है।क्योंकि चुनाव मैदान में 19 प्रत्याशी सामने खड़े हैं।जिसमें जातिगत वोटों की देखें तो कई खेमे हैं जो वोट काट सकते हैं।बाहर हाल स्थितियां यह बताती हैं कि दोनों ही पार्टियों को जनता के बीच विश्वास पैदा करने के लिए खासी मेहनत करनी पड़ेगी।

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