मतदाता सूची पुनरीक्षण निरस्त करने को लेकर याचिका लगाई

मतदाता सूची पुनरीक्षण निरस्त करने को लेकर याचिका लगाई
इंदौर 18 नवंबर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के समक्षमध्यप्रदेश में “SIR” कार्यक्रम के चलते मतदाता-सूची पुनिरिक्षण कार्यक्रम निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका लगाई गई है।
युगलपीठ द्वारा जवाब और सुनवाई हेतू आगामी 26 नवम्बर की तिथी निर्धारित की है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में SIR कारवाई और कांग्रेस द्वारा निरंतर लगाये जा रहे वोट-चोरी के आरोपों के चलते पूर्व पार्षद दिलीप कौशल की याचिका पर उच्च न्यायलय इंदौर ने मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग, मध्यप्रदेश सरकार नगरीय प्रशासन विभाग, इंदौर कलेक्टर और इंदौर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के रजिस्ट्रीकरण अधिकारियो से आगामी सुनवाई 26 नवंबर तक जवाब देने को कहा है।

मध्यप्रदेश की सभी नगर निगमों सहित 417 पंचायतो में आगामी चुनाव के लिए मतदाता-सूची पुनिरिक्षण के लिए मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा अगस्त माह कार्यक्रम जारी किया था, और दावे-आपत्तियाँ प्राप्त किये है, इसी के चलते भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश सहित 12 राज्यों में मतदाता-सूची में “SIR” कार्यक्रम जारी किया गया है जो वर्तमान में निर्वाचन विभाग द्वारा किया जा रहा है वही दूसरी तरफ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी द्वारा निर्वाचन आयोग पर निरंतर वोट चोरी के आरोप लगाये जा रहे है।
मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गये मतदाता-सूची पुनिरिक्षण कार्यक्रम को पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने अभिभाषक विभोर खंडेलवाल एवं अभिभाषक जयेश गुरनानी के मध्यम से उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका दायर कर चुनौती दी है, याचिका में मुख्य रूप से मध्यप्रदेश निर्वाचन नियम 1994 के उपनियमो को त्रुटीपूर्ण बताया है वही पुनिरिक्षण कार्यक्रम के दौरान जोड़े आयर घटाने वाले मतदाताओ के आवेदनों को सार्वजनिक नहीं किये जाने, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों अनुसार मतदान केंद नहीं बनाने सहित अपात्र कर्मचारियों को सरकारी BLO बनाने और केवल इंदौर नगर निगम क्षेत्र में भवन क्रमांक “0” पर हजारो मतदाताओ के नाम होने का उल्लेख है जिसे आधार पर मतदाता-सूची पुनिरिक्षण कार्यक्रम को निरस्त करने की मांग की है, याचिका की सुनवाई उच्च न्यायालय कि युगलपीठ के न्यायाधीश विजय कुमार शुक्ला एवं बिंदु कुमार द्रिवेदी द्वारा करते हुवे याचिका में उल्लेखित तथ्यों से सहमत होकर मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग, मध्यप्रदेश सरकार नगरीय प्रससन विभाग, इंदौर कलेक्टर और इंदौर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के रजिस्ट्रीकरण अधिकारियो को आगामी सुनवाई 26 नवंबर को जवाब देने का कहा है।
कौशल ने बताया वह वर्ष 2020 से निरंतर मतदाता-सूची से सम्बंधित कार्य कर रहे है हाल ही में मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता-सूची पुनिरिक्षण कार्यक्रम में अनेको त्रुटीया पाई जाने और पुनिरिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्राप्त आवेदनों की सूची सार्वजनिक नहीं करने से नागरिक आपत्तिया नहीं दे पाये है जिसकी सुनवाई नहीं करते हुवे सीधे मतदाता सूची में संशोधन करना वोट-चोरी के प्रबल प्रमाण है, वही इंदौर की मतदाता-सूची में हजारो मतदाताओ का पता भवन क्रमांक “0” दर्शाया है जिसकी आपत्ति के बाद भी सुधर नहीं किया गया है, तथा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के विपरीत 1761 मतदान केंडो पर मतदाताओ की संख्या 1200 के अनुमात नहीं है लगभग 475 मतदान केन्द्रों पर मतदातो कि संख्या 500 से भी कम है, विधानसभा 5 अंतर्गत ब्रजेश्वरी वार्ड 50 का मतदान केंद्र क्रमांक 34 में तो मात्र 40 ही वोट है, जिसके साथ-साथ बनाये गए BLO भी योग्यता अनुसार नहीं है।
अभिभाषक विभोर खंडेलवाल एवं अभिभाषक जयेश गुरनानी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता-सूची पुनिरिक्षण का कार्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 तथा भारतीय संविधान के प्रावधानों अनुसार किया जाता है जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश निर्वाचन नियम 1994 अंतर्गत मतदाता-सूची पुनिरिक्षण किया जाना बताया गया है जो विरोधाभाषी होने दोनों के प्रावधानों में अंतर होने से तथा स्थानीय स्तर पर की गई त्रुटियों के कारण मध्यप्रदेश के नागरिको के संवेधानिक अधिकारो का हनन हो रहा है, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग को इसे सुधरने की अपेक्षा की थी परन्तु सरकार और निर्वाचन आयोग द्वारा समय अनुसार विधिक कारवाई नही कीजाने पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष अल्ट्रा वायरस याचिका प्रस्ततु की है माननीय न्यायलय द्वारा याचिका में उठाये तथ्यों से सहमत होकर याचिका की अगली सुनवाई हेतू 26 नवंबर की तिथी निर्धारित कर सरकार और निर्वाचन आयोग से जवाब माँगा है।

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