21 हजार की रिश्वतखोरी में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण समेत तीन नपे

21 हजार की रिश्वतखोरी में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण समेत तीन नपे

जबलपुर। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण डा. राम मोहन तिवारी, लिपिक अशोक शिवेदी तथा कैशियर संतोष भटेले को लोकायुक्त टीम ने 21 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। कार्यालय में पदस्थ महिला चपरासी अनीशा बेगम के बेटे मोहम्मद गुलजार की शिकायत पर उक्त कार्रवाई मंगलवार शाम संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में की गई। कार्यालय में विगत माह हुई चोरी के प्रकरण में महिला चपरासी को प्रताडि़त कर डा. तिवारी ने 25 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। रिश्वतखोरी का सौदा 21 हजार में तय होने के बाद अनीशा अपने बेटे को लेकर लोकायुक्त कार्यालय पहुंची। एसपी लोकायुक्त अनिल विश्वकर्मा को अधिकारी की प्रताड़ना व रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने ट्रैप टीम का गठन कर कार्रवाई के लिए भेजा। लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान कार्यालय में हड़कंप मचा रहा।।

कार्यालय में हुई चोरी का आरोप लगाया : अनीशा बेगम ने बताया कि गत माह संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय में ताला तोड़कर कंप्यूटर चोरी की घटना सामने आई थी। जिसके बाद डा. तिवारी, संतोष भटेले, अशोक कुमार शिवेदी व कार्यालय में पदस्थ अहिरवार बाबू उसे प्रताडि़त करने लगे। डा. तिवारी ने उस पर चोरी का आरोप लगा दिया और विभागीय कार्रवाई न कर नौकरी बचाने के लिए रिश्वत की मांग की। डा. तिवारी ने धमकाया कि रिश्वत की रकम न मिलने पर उसकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी तथा उसे शासकीय आवास से बाहर कर दिया जाएगा। अनीशा ने बताया कि कार्यालय परिसर स्थित आवास में वह परिवार सहित निवास करती है। उसके पति की मौत हो चुकी है।

24 घंटे ड्यूटी करने का दबाव : अनीशा ने बताया कि डा. तिवारी व आरोपित कर्मचारी उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त कर कार्यालय में 24 घंटे ड्यूटी करने का दबाव बना रहे थे। महिला होने के बावजूद उसकी रात्रिकालीन ड्यूटी लगाई जा रही थी। 21 हजार के लिए मानसिक रूप से परेशान होने के बाद उसने लोकायुक्त में शिकायत करने का निर्णय लिया। अनीशा ने कहा कि कार्यालय में कंप्यूटर व हार्डडिस्क आदि की चोरी से उसका कोई लेना देना नहीं है। चोरी के मामले की पुलिस जांच कर रही है। परंतु अधिकारी व कर्मचारी उसे बेवजह परेशान कर रहे हैं।

तिवारी ने कहा कि शिवेदी को दे दो : अनीशा की शिकायत को आधार बनाकर लोकायुक्त एसपी विश्वकर्मा ने डीएसपी दिलीप झरवड़े के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया। टीम में शामिल निरीक्षक स्वप्निल दास, नरेश बेहरा, आरक्षक दिनेश दुबे, अमित मंडल, विजय विष्ट, जीत सिंह की टीम संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय पहुंची। जिसके बाद गुलजार रिश्वत की रकम लेकर डा. तिवारी के पास गया। तिवारी ने कहा कि रकम शिवेदी को दे दो। गुलजार शिवेदी के पास पहुंचा तो उसने भटेले को रिश्वत की रकम देने के लिए कहा। भटेले ने जैसे ही गुलजार से रिश्वत के 21 हजार लिए ट्रैप दल ने ताबड़तोड़ अंदाज में कार्रवाई को अंजाम दिया। रिश्वतखोरी में डा. तिवारी, शिवेदी व भटेले को गिरफ्तार कर लिया

इनका कहना है :
चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी को प्रताडि़त कर व धमकाकर रिश्वत की मांग करने की शिकायत की गई थी। जिसके बाद संयुक्त संचालक लोक शिक्षण समेत तीन कर्मचारियों के खिलाफ रेड हैंडेड कार्रवाई की गई। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। आय से अधिक संपत्ति का भी पता लगाया जाएगा।

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