60 करोड़ लोग डायबिटीज की दहलीज़ पर- डॉ राजेश अग्रवाल
“रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ़ डायबीटीज़ इन इंडिया” (भारत की सबसे बड़ी डायबिटीज़ विशेषज्ञों की संस्था ” के म प्र राज्य सचिव ने जबलपुर में संपन्न “न्यू डायमेंशन इन डायबिटीज” में इंदौर के डायबिटीज़ मोटापा, थायराइड एवं हॉर्मोन विशेषज्ञ डॉ राजेश अग्रवाल ने व्यक्त किए .
डॉ राजेश अग्रवाल ने आंकड़ों का विश्लेषण और रिसर्च नतीजों के माध्यम से बताया की भारत में २५ करोड़ मोटे और ३५ करोड़ लोगो को पेट का मोटापा है और ये सभी डायबिटीज के दहलीज़ पर है जिन्हें डायबिटीज होने से रोका जा सकता है.
एपिजेनेटिक्स (वातावरणीय प्रभावों से) जेनेटिक्स में चेंज के कारण डायबिटीज ग़रीब और मेहनती तबके में भी बढ़ रही है. प्री डायबिटीज का इलाज करे या नहीं विषय पर व्याख्यान देते हुवे कहा की ये वो समय होता है जब डायबीटीज़ का रिवर्सल संभव है परंतु ये ध्यान रखे की ये स्थायी नहीं होता और “री रिवर्सल” कॉमन है इसलिए रिवर्सल के बाद निश्चिंत ना हो जाए और निरंतर निगरानी करे.
इसके लिए स्कूल,परिवार और समाज में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की जरूरत है अन्यथा ये ज्वालामुखी देश और परिवार की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर सकता है.
डॉ आशीष डेंगरा (सम्मेलन के सचिव एवं माही सेंटर) ने डॉ राजेश अग्रवाल को सम्मान पत्र एवम स्मृति चिह्न भेट किया.
इस सम्मेलन में डॉ सुनील गुप्ता (नागपुर आर एस एस डी आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष) और देश की कई महत्वपूर्ण हस्तिया मौजूद थी.






