*घूसखोर पूर्व चीफ कमिश्नर की 400 करोड़ की थी
संपत्ति:बंगलों में 7-7 लाख के पलंग थे; लग्जरी सामान देख CBI दंग रह गई थी*
*जोधपुर*
इनकम टैक्स का पूर्व चीफ कमिश्नर पवन कुमार शर्मा रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाया गया है। 2015 के एक मामले में जोधपुर स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज भूपेंद्र सनाढ्य ने शुक्रवार को पवन कुमार को 4 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने फैसला सुनाते समय टिप्पणी करते हुए कहा-
भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में फैल रहा है। यह देश की अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह चाट रहा है।
CBI टीम ने 2013 में केस की जांच के दौरान पूर्व चीफ कमिश्नर पवन कुमार शर्मा के अजमेर, बेंगलुरु, जयपुर और जोधपुर स्थित फॉर्म हाउस और बंगले पर छापा मारा था। जहां एक से बढ़कर एक महंगे आइटम लगे थे। इसके बाद उसकी लग्जरी लाइफ स्टाइल और शौक का खुलासा हुआ था। 400 करोड़ रुपए की संपत्ति, बंगलों में 7-7 लाख रुपए कीमत के पलंग, 18-18 हजार के सिलिंग फैन समेत इम्पोर्टेड सामान देखकर टीम भी हैरान रह गई थी।
बता दें कि पवन कुमार शर्मा 1981 बैच का IRS अधिकारी रहा है। आयकर विभाग के पूर्व चीफ कमिश्नर पवन कुमार शर्मा और पूर्व ITO शैलेंद्र भंडारी ने बाड़मेर के व्यापारी से उसकी कंपनी के साल 2012-13 के आयकर असेसमेंट को सुलझाने के लिए 23 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था।
करोड़ों रुपए का सजावटी सामान
अजमेर स्थित घर से टीम को शराब की 50 बोतल मिली थी, जिनमें से कई तो बाजार में आमतौर उपलब्ध नहीं होती। इस संबंध में अजमेर में आबकारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।
अजमेर में कोठी व फॉर्म हाउस, बेंगलुरु और जयपुर में फॉर्म हाउस व बंगला और जोधपुर में एक फॉर्म हाउस पर सजावटी सामान और फर्नीचर की करोड़ों रुपए कीमत थी।
पुष्कर रोड पर स्थित बंगले की कीमत उस दौरान करीब 50-60 लाख रुपए बताई गई थी। अजमेर की कोठी के 6 कमरों में 7-7 लाख के पलंग, 18-18 हजार रुपए कीमत के 20 पंखे लगे थे।
घूसखोर पवन शर्मा के अजमेर स्थित घर से टीम को शराब की 50 बोतल मिली थी। उनमें से जिनमें से कई तो बाजार में आमतौर उपलब्ध नहीं होती और बाहर से मंगवाई जाती थी।
*हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत*
आईटीओ शैलेंद्र भंडारी ने राजस्थान हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थी। पहली याचिका में कुल 5 बार सुनवाई हुई थी। दूसरी में केवल 1 बार सुनवाई हुई थी। ये दोनों याचिकाएं अभी विचाराधीन है। इन्हीं याचिकाओं से कनेक्टेड अलग-अलग अर्जी देकर सीबीआई कोर्ट से स्टे लेने की कोशिशें भी हुईं थी लेकिन राहत नहीं मिली।
जस्टिस मुकेश राजपुरोहित की कोर्ट में सीबीआई के विशेष पब्लिक प्रोसिक्यूटर पीसी सोलंकी ने सीबीआई का मजबूती से पक्ष रखा था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राहत नहीं दी थी।
इसी क्रम में 11 सितंबर की सुनवाई में दोनों याचिकाओं को एक साथ 25 सितंबर की तारीख दी गई थी। इन सभी कानूनी प्रयासों के बावजूद भंडारी को कोई बड़ी राहत नहीं मिल पाई और 26 सितंबर को जोधपुर की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने भंडारी और पूर्व चीफ कमिश्नर पीके शर्मा दोनों को 4-4 साल की कैद की सजा सुनाई। इस तरह कुल मिलाकर 2025 में 6 बार सुनवाई हुई, लेकिन सभी प्रयास असफल रहे।
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