केंद्र ऐसा तरीका ढूंढे जिससे कोविड से जान गंवाने वाले पारसियों का पारंपरिक अंतिम संस्कार हो सके-सुप्रीम कोर्ट
पारसी समुदाय में शव के अंतिम संस्कार की ‘दोखमे नशीन’ परंपरा है, जिसमें शव को गिद्धों व अन्य पक्षियों के लिए खुले में छोड़ दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह कोविड-19 संक्रमण से जान गंवाने वालों के शव को दफनाने के प्रोटोकॉल में इस तरह बदलाव करने पर विचार कर सकती है जिससे पारसी मत के जरूरी सिद्धांतों का ध्यान भी रखा जा सके। न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने सुझाव दिया कि इस मामले पर वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन और केंद्र सरकार के अधिकारियों व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एक एक अनौपचारिक बैठक कर सकते हैं।
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