कॉमरेड होमी दाजी के ९५वें जन्मदिवस पर परिसंवाद का आयोजन
कॉमरेड होमी दाजी जन नेता के साथ ही एक अद्वितीय शिक्षक भी थे
इन्दौर। कॉमरेड होमी दाजी जन नेता के साथ ही एक अद्वितीय शिक्षक भी थे जिन्होंने इस शहर की एक पूरी पीढ़ी को सर्वहारा की राजनीति और निर्भीक जन संघर्ष की शिक्षा दी। वे सड़क से लेकर संसद तक मजदूरों, मजलूमों और आम जनता के सवालों को उठाते और उनके लिए संघर्ष करते थे। आज हम सही मुद्दों पर भी प्रश्न करना और सड़क पर आना भूल गए हैं। आज देश पर धर्म और जाति की राजनीति ने कब्ज़ा कर लिया है।
यह बात वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी आनंद मोहन माथुर ने पूर्व सांसद एवं जन नेता तथा ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के पूर्व महासचिव कॉमरेड होमी दाजी के ९५वें जन्मदिवस पर समाजवादी विचार प्रसार केंद्र, इन्दौर द्वारा आयोजित परिसंवाद में, वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियाँ और हमारा दायित्व विषय पर बोलते हुए कही।
परिसंवाद में बोलते हुए गांधीवादी विचारक एवं अभिभाषक अनिल त्रिवेदी ने कहा कि आज पूरे विश्व में राजनीति को अर्थनीति संचालित कर रही है यही स्थिति भारत में भी है। वित्तीय पूँजी और कारपोरेट जगत के हित सर्वोपरि हो गए हैं और आम आदमी हाशिए पर है। देश ने राजनितिक और सामाजिक जनजागरण से आज़ादी हासिल की और लोकतान्त्रिक व्यवस्था अपनाई, मगर आज वह खतरे में है। देश तो दूर आज एक भी राजनीतिक पार्टी में लोकतंत्र नहीं है। केवल व्यक्ति पूजा और अधिनायकवाद है। राजनीति में कार्यकर्ता गौण हो गया है और वह वैचारिक एवं नीतिगत रूप से उदासीन होकर मात्र अनुयायी या पूर्जा है। आम जनता की बहस के केंद्र में आज राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक मुद्दे गायब हो गए है, इन विषयों पर पूर्णतः असफल सत्ता आज डरी हुई है। विपक्ष को एकजुट होकर आमजन को उस पर आसन्न संकट से अवगत करा कर उसकी आवाज को मज़बूत बनाना होगा।
लेखक एवं विचारक सुरेश उपाध्याय ने कहा कि राजनीति जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है। आज देश में बेरोजगारी, महंगाई चरम पर है। असंगठित क्षेत्र, लघु व्यापार एवं उद्योग, कृषि क्षेत्र के संकट से निपटने मे नाकामयाबी को छिपाने के लिए सत्तान्मुखी राजनीति हो रही है। बिखरा विपक्ष और ध्रुवीकरण की राजनीति गंभीर चुनौती है। मगर इस निराशा के बीच देश भर में जारी छात्र, किसान, मज़दूर, जन आंदोलन विश्वास पैदा करते हैं। इन आन्दोलनों को एकजुट और विस्तृत करने कि आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद कल्याण जैन ने कहा कि आज जिस तरह की राजनीति देश में हो रही है राष्ट्रीय एकता, संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता यहाँ तक कि जीने का अधिकार भी खतरे में है। इन विपरीत परिस्थितियों में दाजी का जीवन हमें संघर्ष की ऊर्जा और दिशा देता है।
कार्यक्रम के संयोजक, समाजवादी विचार केंद्र के अरविंद पोरवाल ने कहा कि लोकतंत्र भारत के संविधान की आत्मा है। विपक्ष विहीन राजनीति की बातें और दावे करना अपने आप में गैर संवैधानिक और अलोकतांत्रिक सोच है। कॉमरेड होमी दाजी का सम्मान या स्मरण एक सभा नहीं वरन मज़दूर, जन आंदोलन का कायाकल्प और एक बेहतर समाज के लिए अन्याय और शोषण के खिलाफ़ एक अथक, सतत संघर्ष ही हो सकता है।
अतिथियों का स्वागत अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता, अभिनव कला समाज के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, भाकपा के रुद्रपाल यादव एवं माकपा के कैलाश लिम्बोदिया ने किया। आभार प्रदर्शन रामेश्वर गुप्ता ने किया।







