पं. संजय गरुड़ ने दी पं. भीमसेन जोशी को स्वर श्रद्धांजलि

पं. संजय गरुड़ ने दी पं. भीमसेन जोशी को स्वर श्रद्धांजलि

इंदौर।भारत रत्न पं.भीमसेन जोशी जन्मशताब्दी के अंतर्गत अभिनव कला समाज में ‘स्वर श्रद्धाजंलि’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।

किराना घराना के शास्त्रीय गायक पुणे के पं. संजय गरुड़ ने शास्त्रीय एवं उप शास्त्रीय बंदिशों से श्रोताओं का मन मोह लिया।

कोरोना काल के लंबे अरसे बाद इंदौर में शास्त्रीय गायन की महफ़िल सजी। पं. गरुड़ ने शास्त्रीय गायन की शुरुआत राग मारू बिहाग में एकताल विलम्बित से की। बंदिश के बोल थे – “रसिया ओ न जा। “खुली आवाज की गायकी में पं.गरुड़ ने कई तरह के रंग और तानों के प्रकार सुनाए।
उप शास्त्रीय क्रम में पं. गरुड़ ने राग खमाज में ठुमरी -” तरफत रैना बिना” पेश की। ठुमरी गायन में भी पँ गरुड़ की गायकी की विविधता नजर आई।
कार्यक्रम के अंतिम दौर में पँ गरुड़ ने पं.भीमसेन जोशी द्वारा राग भैरवी में गाये भजन -” जो भजे हरि को सदा ” के माध्यम से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। पं. गरुड़ के साथ संगतकार थे हारमोनियम पर रवि किल्लेदार और तबले पर अनूप पंवार। दोनों ने बखूबी साथ निभाया।
प्रारंभ में वरिष्ठ गायक पं. सुनील मसूरकर और कलाकारों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कलाकारों का स्वागत अभिनव कला समाज के महासचिव संजीव आचार्य,संगीतज्ञ जीके गोविंद,गौतम काले और भरत जोशी ने किया। संचालन और आयोजन की जानकारी डॉ. शिल्पा मसूरकर ने दी। अंत में रसिका गावड़े ने आभार व्यक्त किया।

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