शराब व्यवसायी अर्जुन ठाकुर गोली कांड मामले में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा
शराब व्यवसायी अर्जुन ठाकुर पर 3 दिन पहले कुख्यात गुंडे हेमू ठाकुर चिंटू ठाकुर व गैंगस्टर सतीश भाऊ ने सिंडिकेट ऑफिस में जानलेवा हमला किया पूरे मामले में अब तक सबसे बड़ा सवाल यही था कि यह हमला क्यों किया गया आखिर क्या थी इसके पीछे वजह अब तक जो भी जानकारी सामने आई है वह यह थी कि सिर्फ एक दुकान पर कब्जे को लेकर व 1 अहाते के कब्जे को लेकर यह हमला किया गया था जबकि मामला सिर्फ इतना सा नहीं है मामला इससे कई गुना बड़ा है इंदौर शहर का ठेका इस वर्ष 980 करोड रूपए का गया है जिसे दो अलग-अलग ग्रुप बनाकर एक सिंडिकेट बनाया गया है सिंडिकेट में कई शराब ठेकेदारों के साथ शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर का भी हिस्सा है आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार इस वर्ष के शराब सिंडिकेट ठेके में अर्जुन ठाकुर की 7% की हिस्सेदारी है जिसके हिसाब से लगभग 70 करोड़ की हिस्सेदारी अर्जुन ठाकुर की है हालांकि अर्जुन ठाकुर खुद कंपनी में कागजों पर नही है यह ठेका अर्जुन की माताजी के नाम से है इस प्रकार यह पूरा मामला ₹70 करोड़ हजम करने के साथ-साथ इंदौर शराब के ठेकों में वर्चस्व कायम करने के लिए यह हमला किया था चिंटू ठाकुर और सतीश भाऊ अर्जुन ठाकुर का मर्डर करना चाहते थे जिसमे पर्दे के पीछे से 2 बड़े शराब ठकेदार ए के सिंह व पिंटू भाटिया भी शामिल थे यह लोग अर्जुन को सिर्फ घायल करके छोड़ना नहीं चाहते थे बल्कि उसका मर्डर करना चाहते थे अर्जुन को जब गोली लगी तो वह जिस हिसाब से जमीन पर गिर पड़ा तब गुंडे चिंटू ठाकुर व सतीश भाऊ को लगा की अर्जुन मर चुका है अगर उसके बचने का जरा सा भी इन गुंडों को अंदाजा होता तो अर्जुन को यह कुख्यात गुंडे और भी गोली मारते क्योंकि अर्जुन के मर्डर के बाद अर्जुन के पजेशन की सारी दुकानों पर कुख्यात गुंडे हेमू ठाकुर चिंटु ठाकुर और सतीश भाऊ का कब्जा हो जाता और गुंडों का यह सिंडिकेट जिसमें चिंटु ठाकुर हेमू ठाकुर और सतीश भाऊ शामिल है ₹70 करोड़ हजम कर जाते ऐसी इन गुंडों की प्लानिग थी साथ ही यह भी सोच थी की 70 करोड़ के हिस्से में से 20 परसेंट भी अगर खर्च करना पड़े तो कोर्ट कचहरी में कर देंगे फिर भी फायदे में ही रहेंगे इस प्रकार यह पूरा मामला एक ही बार में 70 करोड़ रुपए की अवैध कमाई के साथ साथ इंदौर में शराब व्यवसाय में वर्चस्व जमाने का खेल था जोकि अर्जुन के बचने से पूरा उल्टा पड़ गया
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