14 केसों में फरार भूमाफिया शाह को बचाने का षड़यंत्र, पीएचक्यू ने सबूतों के लिए बनाई एसआइटी

14 केसों में फरार भूमाफिया शाह को बचाने का षड़यंत्र, पीएचक्यू ने सबूतों के लिए बनाई एसआइटी
एसपी ने भूमाफिया चिराग उर्फ चीकू शाह को जिन 14 प्रकरणों में फरार बताया पीएचक्यू ने उन्हीं में सबूत मांग लिए। शाह पर लसूड़िया, बाणगंगा और तुकोगंज थाना के इन मामलों में 45 हजार रुपये का इनाम भी घोषित है और सहआरोपित जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। किन सबूतों के आधार पर शाह को आरोपित बनाया यह तय करने के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। इस कवायद की मंशा शाह को राहत देना है लेकिन जांच अफसरों ने हाथ खींच लिए है
पत्रकार कॉलोनी निवासी चिराग उर्फ चीकू पुत्र विपिन शाह पर तत्कालीन डीआइजी रुचि वर्धन मिश्र के कार्यकाल में प्रकरण दर्ज हुए थे। आरोप है कि चिराग-चंपू की जोड़ी ने फीनिक्स देवकॉन (तलावली चांदा) संतोषी गृह निर्माण (देवास नाका) और कालिंदी गोल्ड सिटी (भांगिया) में निवेशकों से करोड़ों रुपये ले लिए और डायरियों पर ही प्लॉट के सौदे कर रुपये हजम कर गए। लसूड़िया थाना पुलिस ने नौ, तुकोगंज ने एक और बाणगंगा ने पांच मामले दर्ज किए, जिनमें बाणगंगा थाना के एक केस में उसे राहत मिल गई।
शेष मामलों में एसपी (पूर्वी) आशुतोष बागरी ने फरार घोषित करवा करीब 45 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। जैसे ही गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू हुई शाह ने पुराने अफसर और नेताओं के जरिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। पिछले दिनों पीएचक्यू से एक पत्र जारी हुआ जिसमें अफसरों से पूछा गया कि चिराग के खिलाफ क्या सबूत है। एसपी को विजयनगर क्षेत्र के सीएसपी राकेश गुप्ता और टीआइ राजेंद्र सोनी (बाणगंगा), कमलेश शर्मा (तुकोगंज), इंद्रमणि पटेल (लसूड़िया) और कुछ एसआइ की एसआइटी गठित करना पड़ी।
विवेचकों पर धारा कम करने के लिए दबाव बना रहे थे अफसर

सूत्रों के मुताबिक चिराग शाह उन विवेचकों से टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क में है जिनके पास उसके केसों की जांच है। एडीजी स्तर के अफसरों के माध्यम से पहले उसने नाम हटाने का प्रयास किया। टीआइ और एसआइ ने यह कहते हुए डायरियां लौटा दी कि मामला हाईकोर्ट के संज्ञान में है और आरोपितों व फरियादियों के बयान दर्ज हो चुके है। अफसरों का रुख देख धाराएं कम करने का संदेश आया। चिराग पर दर्ज प्रकरणों में 420, 467, 468, 471 जैसी गंभीर धाराएं है जिनमें जेल जाना तय है। वह 467, 468 और 471 हटवाना चाहता है ताकि 420 में थाना से ही जमानत मिल सके।
इन माफियाओं पर भी महरबान पुलिस

नाम -केस- इनाम

निलेश अजमेरा 10 – 32 हजार

सोनाली अजमेरा 9 -30 हजार

महावीर जैन 4 12 हजार

निकुल कपासी – 1 – ढाई हजार

प्रफुल्ल गाढ़गे 1 – 10 हजार

आशीष दास- 2 – 10 हजार

पुष्पेंद्र बढ़ेरा -4 -40 हजार

सुरभी कोठारी -14 -85000

निखिल कोठारी -14 – 85000

राजेश जैन – 1 – 5000

महेंद्र जैन -1 – 5000

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