*इंदौर बना डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन में अग्रणी शहर, नगर निगम कर रहा है 1 करोड़ दस्तावेजों का एआई बेस्ड डिजिटलीकरण*

*इंदौर बना डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन में अग्रणी शहर, नगर निगम कर रहा है 1 करोड़ दस्तावेजों का एआई बेस्ड डिजिटलीकरण*

*अब नागरिकों को जन्म, मृत्यु, विवाह व भवन अनुमति जैसे दस्तावेज एक क्लिक में मिलेंगे; 19 लाख दस्तावेज स्कैन होकर डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित*

इंदौर। तेजी से बढ़ती तकनीकी दुनिया में भविष्य की जरूरतों को देखते हुए इंदौर नगर निगम ने अपने दस्तावेजों को डिजिटली सुरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आज कार्य का निरीक्षण करते हुए बताया कि इंदौर नगर निगम लगभग 1 करोड़ दस्तावेजों को एआई बेस्ड स्कैनिंग सिस्टम के जरिए डिजिटल स्वरूप में सहेजने का काम कर रहा है, जिसमें अब तक 19 लाख दस्तावेज स्कैन और सुरक्षित किए जा चुके हैं।

महापौर ने बताया कि नगर निगम के पास नागरिकों की संपत्ति, जन्म-मृत्यु, विवाह, भवन अनुमति, कॉलोनी सेल और अन्य शासकीय कार्यों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। इन दस्तावेजों का संरक्षण न केवल डेटा सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि नागरिकों को भी अपने जरूरी कागजात आसानी से प्राप्त करने की सुविधा देगा।

उन्होंने कहा, “अब नागरिकों को दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने होंगे। डिजिटलाइजेशन के बाद लोग बिना आवेदन के ही एक क्लिक पर अपने दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे।”

महापौर भार्गव ने बताया कि यह प्रोजेक्ट इंदौर नगर निगम द्वारा स्वयं के निर्णय से शुरू किया गया है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर एजेंसी नियुक्त की गई है। यह कार्य भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के डिजिटल गवर्नेंस मिशन के अनुरूप है।

उन्होंने कहा कि देशभर में डिजिटल ऑफिस की शुरुआत हो चुकी है और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा रहा है। “मध्य प्रदेश में इंदौर नगर निगम पहला विभाग है जिसने अपने सभी पुराने और नए दस्तावेजों को डिजिटल स्कैन करने का कार्य प्रारंभ किया है, यह सराहनीय और भविष्यदृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है,” महापौर ने कहा।

महापौर ने यह भी बताया कि निगम के विभिन्न विभागों के पुराने प्रोजेक्ट, टेंडर फाइलें और प्रशासनिक रिकॉर्ड भी स्कैन किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी कार्य में सुगमता बनी रहे।

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