सिंहस्थ 2028 की तैयारी -कान्ह और सरस्वती नदी शुद्धिकरण पर महापौर की बैठक

सिंहस्थ 2028 की तैयारी -कान्ह और सरस्वती नदी शुद्धिकरण पर महापौर की बैठक

78 पॉइंट्स पर कार्य शेष, 2027 तक पूरा करने की बनी रूपरेखा

इंदौर। सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए नगर निगम इंदौर ने कान्ह और सरस्वती नदी शुद्धिकरण तथा पानी के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए गंभीर पहल शुरू कर दी है। इसी क्रम में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में सिटी बस कार्यालय स्थित सभागार में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई।

बैठक में एमआईसी सदस्य एवं जल कार्य प्रभारी अभिषेक शर्मा ‘बबलू’, अपर आयुक्त रोहित सीसोनिया सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। महापौर ने अधिकारियों से नदियों पर अब तक हुए कार्यों की जानकारी ली और आगामी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

*अब तक हुए कार्यों की समीक्षा*

बैठक में बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में कान्ह और सरस्वती नदियों के तटों पर अतिक्रमण हटाने, गंदे नालों को डायवर्ट करने और पानी के प्रवाह को सुचारु बनाने के कई कार्य किए जा चुके हैं। हालांकि, वर्तमान में 78 ऐसे पॉइंट्स चिन्हित किए गए हैं जहां शुद्धिकरण एवं सुधार कार्य अभी बाकी हैं।

*2027 तक लक्ष्य*

महापौर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सिंहस्थ 2028 से पहले दोनों नदियों को स्वच्छ और प्रवाहमान बनाने के लिए सभी लंबित कार्यों को 2027 तक पूरा किया जाए। बैठक में अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अगले दो वर्षों में न केवल शुद्धिकरण बल्कि नदी किनारे के सौंदर्यीकरण और प्रदूषण नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

*विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा*

बैठक में नदी किनारे लगने वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की कार्यप्रणाली, गंदे नालों को रोकने के लिए आवश्यक तकनीकी उपाय, तथा पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए किए जाने वाले निर्माण कार्यों पर भी चर्चा की गई। साथ ही, शहरवासियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए जनजागरण अभियान चलाने पर भी विचार किया गया।

*महापौर भार्गव ने कहा कि* कान्ह और सरस्वती नदियाँ केवल जलस्रोत ही नहीं बल्कि इंदौर की धरोहर हैं। सिंहस्थ जैसे कुंभ के लिए इन नदियों की स्वच्छता और प्रवाह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्ध कार्ययोजना बनाने और उसकी नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए।

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